खुस्क - रूखे मौसम में, कागज पर नमी थी, चलती रही कलम मेरी, पर लफ्जों की कमी थी, एहसासों के रिश्ते थे, हम हक कहां जताते, बहुत बोले एक वक्त पहले, अब खामोशी में बताते, जुबां को आराम दिया, ताकि जज्बात ना बिखर जाए, अब खामोशी में बात करेंगे, शायद रूह तक असर जाए। by VINOD SUTHAR Keywords :- नई हिंदी शायरी प्यार पर, लव पर, मोह्ब्बत पर, इश्क़ पर, हिंदी उर्दू शायरी फोटो, फेसबुक वॉट्सऐप स्टेटस के लिए, harf-e-imroz, Vinod Suthar, Veenu5797, नई हिन्दी शायरी